भारतीय इतिहास में एक क्रांतिकारी घटना: मोहम्मद गोरी द्वारा भारत पर आक्रमण
मोहम्मद गोरी
मो0 गोरी गोर प्रदेश का रहने वाला था। गोर प्रदेश गजनी और हेरात के
मध्य स्थित था। यहाँ पर बौद्ध धर्म के
लोग रहते थे। गोर प्रदेश पर महमूद गजनवी ने आक्रमण किया था और यहाँ के लोगो को इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए
विवश किया था। यहाँ पर शंशवनी राजवंश की
स्थापना हुयी।इस वंश का सबसे महत्वपूर्ण शासक मो0 गोरी था जिसने 1175 ई0 में भारत पर आक्रमण किया और वहाँ के क्षेत्रो को विजित करके
अधिकार कर लिया और एक नवीन राजवंश की स्थापना भी हुयी। मो0 गोरी का अन्य नाम मो0 बिन
साम् मुइनुद्दीन सिहाबुद्दीन मो0 गोरी था।
भारत पर आक्रमण-
1. मुल्तान(1175ई0)-
यहाँ पर करमाथी जाति का शासन था जिसे मो0 गोरी ने
पराजित किया था | यह मो0 गोरी की भारत में पहली विजय थी।
2. सिन्ध(कच्छ)(1176ई0)- यहाँ पर भट्टी राजपूतो का शासन था जिसे मो0 गोरी
ने पराजित किया।
3. गुजरात पर
आक्रमण(1178)- यहाँ पर चालुक्यवंश
(सोलंकी वंश) का शासन था। जिसकी राजधानी अन्हिलवाड़ थी। यहाँ का शासक भीम-2 या मूलराज-2 था
जिसने आबू
पर्वत पर मो0 गोरी को पराजित किया था।
यह मो0 गोरी की भारत मे पहली पराजय थी।
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पंजाब विजय( 1179-1185ई0)- पंजाब मे गजनवी वंश का शासन था। यहाँ पर खुसरो मालिक शासन कर रहा था। मो0 गोरी ने आक्रमण
किया। 1186 मे खुसरो मलिक को अन्तिम रुप से पराजित किया और बंदीगृह मे डाल दिया। बंदीगृह में ही खुसरो
मलिक की 1192 ई0 मे मृत्यु हो गयी। खुसरो मलिक गजनी वंश का
अन्तिम शासक था।
मो0 गोरी ने 1179
मे पेशावर,1181 में लाहौर,1185 में स्थालकोट को विजित किया था।
तराइन का प्रथम युद्ध (1191 ई0)- इस युद्ध मे एक तरफ दिल्ली एवं अजमेर के
शासक पृथ्वीराज चौहान और दूसरी तरफ मो0 गोरी था इस युद्ध में मो0 गोरी पराजित हुआ।
यह मो0गोरी की भारत में दूसरी पराजय थी। पृथ्वीराज चौहान को ही रायपिथौरा अन्य नाम से भी जाना जाता था।
तराइन का द्वितीय युद्ध( 1192 ई0)- इस युद्ध मे एक तरफ पृथ्वीराज चौहान और दूसरी तरफ मो0
गोरी था जिसमें मो0 गोरी विजयी रहा। प्रो0 निजामी ने अपनी पुस्तक ताज-उल-मासिर
में लिखा है कि पराजित होने के बाद
पृथ्वीराज चौहान ने मो0 गोरी की अधीनता स्वीकार था, और कुछ दिनों तक शासन
किया बाद में विद्रोह करने के कारण मार दिया गया। जबकि चन्द्रबरदायी ने
अपनी पुस्तक पृथ्वीराजरासो में
लिखा है कि मो0 गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को गजनी ले गया वहाँ पर शब्द वेदी बाण के
द्वारा मो0 गोरी को पृथ्वीराज चौहान मार दिया तब पृथ्वीराज चौहान को मार दिया गया।
चंदावर का युद्ध(1194ई0)- इस युद्ध में एक तरफ मो0 गोरी और दूसरी तरफ गहड़वाल के शासक जयचंद थे। गहड़वाल वंश की स्थापना कन्नौज में चन्द्रदेव
ने की थी। जयचन्द्र को काशी नरेश भी
कहा जाता था। कल्पतरु के
लेखक लक्ष्मीधर इन्ही के दरबार में रहते थे। जयचन्द्र की पुत्री संयोगिता का अपहरण करके पृथ्वीराज चौहान ने विवाह किया था इसीलिए
इन्होने पृथ्वीराज चौहान के विरुद्ध मो0 गोरी का साथ दिया था। इस युद्ध में
जयचन्द्र पराजित हुए और मार दिये गये।
इस युद्ध के बाद
मो0 गोरी ने अपने गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक को अपने विजित प्रदेशो का
प्रतिनिधि चुना| ऐबक ने कालिंजर, बुन्देलखण्ड इत्यादि क्षेत्रो को विजित
किया।
अंधखुद का
युद्ध(1205 ई0)-
इस युद्ध में ख्वारिज्म
के शाह ने मो0 गोरी को पराजित किया इसके बाद भारत में अफवाह फैल गयी कि मु0
गोरी की मृत्यु हो गयी अतःमो0 गौरी ने भारत पर पुनः आक्रमण किया।
खोख्खर जाति की विजय(1205ई0)- यह मो0 गोरी की भारत मे अन्तिम विजय थी। इसी विजय के बाद मो0 गोरी वापस
गजनी जा रहा था रास्ते में दैमएक नामक स्थान पर उसकी मृत्यु हो गयी, उसकी
विजय यात्रा शव में बदल गयी।
इसकी अपनी कोई
संतान नही थी अतः इसके गुलाम ऐबक को लाहौर की
जनता ने भारत के विजित प्रान्तो का शासक चुना।
और ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की।
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